सीपीआई (एम) राज्य सचिव अवधेश कुमार ने निम्नलिखित प्रेस वक्तत्व जारी किया है:

पुर्णिया के बायसी प्रखंड में दलितों के घरों को उजाड़ने, मारपीट करने और इस क्रम में एक व्यक्ति की हत्या की, सीपीआई(एम) बिहार राज्य कमिटी कठोर शब्दों में निन्दा करती है तथा इस जघन्य अपराध में शामिल लोगों के तत्काल गिरफ्तारी एवं कानून के अंतर्गत कठोर से कठोर सजा देने और पीड़ित परिवार को पर्याप्त मुआवजा देने की मांग करती है।

यह घटना भूमि समस्या से जुड़ा हुआ है। दसियों बरसों से दलित समुदाय के भूमिहीन परिवार रोड किनारे सरकारी जमीन पर बसे हुए हैं। कुछ भूमि माफिया, अपराधियों की नजर इस जमीन पर लगी हुई थी। कई दफे इस जमीन पर से गरीबों को उजाड़ने की कोशिश की गई। मुकदमे हुए लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिसके चलते भूमाफिया, अपराधियों का मनोबल बढ़ता गया।

नीतीश सरकार द्वारा डी.बंधोपाध्याय भूमि आयोग की अनुशंसा को सामंती शक्तियों के दवाब में ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। भूमिहीनों को बास भूमि, पक्का मकान और उनकी सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गई। इसीलिए सामंती भूमाफिया, अपराधी, पुलिस गठजोड़ के जरिए प्रायः भूमिहीन गरीबों पर हमले होते रहते हैं।

पार्टी मांग करती है की भूमिहीनों को बास भूमि उपलब्ध कराएं, भूमिहीन गरीब जहां कही भी सरकारी, सीलिंग एवं भूदान की जमीन पर बसे हुए हैं उन्हें बासगीत का पर्चा, पक्का मकान एवं सुरक्षा की गारंटी की जाए।

यह अत्यन्त चिंताजनक बात है कि इस विवाद को भाजपा और विश्व हिन्दू परिषद द्वारा साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है। स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के चलते मामला आगे बढ़ता रहा है और आज साम्प्रदायिक शक्तियां इस घटना का इश्तेमाल साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए कर रही हैं।

राज्य के हर कोने में दलितों, कमजोर वर्ग के लोगों, महिलाओं के खिलाफ लगातार हमले होते रहते हैं, उनके घरों को जलाया जाता है, महिलाओं का यौन उत्पीड़न होता है ,उस समय भाजपा और विश्व हिन्दू परिषद की आत्मा जागृत नहीं होती है लेकिन जहां साम्प्रदायिक आधार पर बांटने का मौका मिले, वहां आनन फानन में इनके दूत आग में घी डालने में लग जाते हैं।

पार्टी भाजपा और संघ से जुड़े संगठनों के साम्प्रदायिक मंसूबे पर लगाम लगाने और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करती है।

पार्टी पूर्णिया के आम लोगों से अपील करती है कि एक ओर जहां उन्हें दलितों पर हमला करने वालों और हत्यारों की गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को प्रयाप्त मुआवजा देने की मांग उठानी चाहिए वहीं दूसरी ओर उन्हें भाजपा और संघियों के साम्प्रदायिक मुहीम को भी प्रासत करने के लिए आगे आना चाहिए।