अखिल भारतीय किसान संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर, केन्द्र की कारपोरेट परस्त, तानाशाही, साम्प्रदायिक सत्ता के 7 वर्ष पूरा होने और इस सरकार द्वारा कृषि विरोधी तीन काले कानूनों को पारित करने, बिजली कानून में संशोधन के जरिए बिजली आपूर्ति कर्त्ताओं को लूट की छूट देने,न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने से इन्कार करने, कारपोरेट परस्त श्रम संहिता के जरिए मजदूरों को गुलाम बनाने एवं साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के जरिए आम लोगों को विभाजित करने और पिछले 6 महीनों से जारी किसान आन्दोलन की पूर्ण उपेक्षा के खिलाफ , 26 मई 2021 को अखिल भारतीय काला दिवस मनाया जाएगा।

इस आह्वान को देश के सभी बड़ी विपक्षी दलों, सीपीआई (एम), कांग्रेस, राजद, राष्ट्रीय कांग्रेस दल, जनता दल (धर्मनिरपेक्ष), सीपीआई सहित कुल 12 विपक्षी दलों का समर्थन प्राप्त है।

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्सवादी) की बिहार राज्य कमिटी तमाम जन संगठनों, पार्टी इकाइयों, जनतांत्रिक शक्तियों एवं आम जनता से अपील करती है की, अपने अपने घरों, खेतों, खलिहानों, शहरों कस्बों में कोरोना निर्देशों का पालन करते हुए, काला झंडा फहराने,काला बैच लाग कर और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला दहन कर, इस कार्यक्रम को सफल बनाएं।