17- पिपरा विधान सभा क्षेत्र की जनता की यही पुकार, अबकी बार राजमंगल प्रसाद।
निम्न मध्यवर्गीय किसान परिवार में जन्मे कॉ० राजमंगल प्रसाद विधान सभा चुनाव में पूर्वी चंपारण ज़िले के पिपरा सीट से महागठबंधन समर्थित सी०पी०आई०(एम) के उम्मीदवार हैं। पेशे से किसान राजमंगल प्रसाद किसान सभा के माध्यम से पार्टी सी०पी०आई० (एम) में शामिल हुए और आज भी अपने इलाक़े के किसानों के अधिकारों के लिए संघर्षरत हैं। किसान सभा के साथ 1990 में उनकी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत हुई। 1990 में ही ये किसान सभा की पंचायत समिति के अध्यक्ष बने। उसके बाद किसान सभा की मेहसी-चकिया अंचल कमिटी के अध्यक्ष भी रहे। राजमंगल प्रसाद के इलाक़े में उनके आने के साथ ही सी०पी० आई०(एम) के गठन की प्रक्रिया शुरू हुई और उन्हें पहली ऑर्गेनाइजिंग कमिटी का संयोजक बनाया गया। सी०पी० आई०(एम) के मेहसी-चकिया लोकल कमिटीके गठन के साथ ही ये उसके सचिव बनाए गए।
इसके बाद राजमंगल प्रसाद की यात्रा सी०पी०आई०(एम) के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में शुरू हुई। 1995 में उन्हें किसान सभा के जिला सचिव के पद पर निर्वाचित किया गया। इसके बाद ये सी०पी०आई०(एम) के पूर्वी चंपारण जिला कमिटी के सदस्य बने,फिर राज्य कमिटी के सदस्य भी बनाए गए। वर्तमान में राजमंगल प्रसाद किसान सभा के ज़िला अध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं और किसानों के आंदोलन का सक्रिय नेतृत्व कर रह रहे हैं।
मैट्रिक तक की पढ़ाई करने वाले राजमंगल प्रसाद बड़ी ही कुशलता से आंदोलनों का नेतृत्व करते हैं। उनके नेतृत्व में चकिया चीनी मिल को फिर से चालू करने के लिए लगातार आंदोलन चला। चकिया को अनुमंडल बनाने, मेहसी को नगर पंचायत बनाने तथा सेमरा घाट पर पुल बनाने के लिए आंदोलन का सफलतापूर्वक नेतृत्व भी राजमंगल प्रसाद ने किया। इसी का परिणाम है कि आज चकिया अनुमंडल है और मेहसी नगर पंचायत, साथ ही सेमरा नदी पर पुल भी बना।
अपनी आजीविका के लिए खेती और पशुपालन करने वाले राजमंगल प्रसाद किसानों का दर्द बख़ूबी जानते और समझते हैं तभी ये किसानों के अधिकारों की लिए तत्परता से संघर्ष करते हैं। बाढ़, सुखाड़, ओला वृष्टि जैसी आपदाओं से होने वाली फसल बर्बादी की क्षति पूर्ति और मुआवज़े की कई सफल लड़ाइयों का ही परिणाम है कि ज़िले के तेतरिया प्रखंड में पार्टी का विस्तार हुआ है।
राजमंगल प्रसाद दो भाई हैं। चार बीघा पुश्तैनी ज़मीन जो उनके हिस्से आया, उसी पर ये और उनके बड़े बेटे खेती करके अपना परिवार चलाते हैं। उनकी तीन बेटियाँ और एक छोटा बेटा अभी पढ़ाई कर रहे हैं। राजमंगल प्रसाद के दिनचर्या का हिस्सा खेती और जनता को समर्पित है। सुबह-सुबह ही लोग उनके पास अपनी समस्याएँ लेकर आ जाते हैं। अपनी खेती के बीच में से समय निकालकर ये उनके साथ सरकारी दफ्तर जाते हैं और राशन, पेंशन आदि जैसे जरूरी सवालों पर उनकी मदद करते हैं, उनके लिए आवाज़ उठाते हैं।
राजमंगल प्रसाद की नेतृत्व- क्षमता और मृदु स्वभाव का नतीजा है कि उनके क्षेत्र में पार्टी को जिला परिषद चुनाव और कई पंचायतों में भी सफलता मिली है। राजमंगल प्रसाद पिपरा से ही पिछले दो विधान सभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। दोनों चुनावों में लगभग 9 हज़ार वोट मिले। तब सी०पी०आई०(एम) अकेले अपने दम पर चुनाव मैदान में थी। राजमंगल प्रसाद एक दिलचस्प बात बताते हैं। वर्तमान सी०पी०आई०(एम) महासचिव सीताराम येचुरी का बीबीसी पर इंटरव्यू आता था जिसे सीमा चिश्ती करती थीं, उस इंटरव्यू को सुनकर उन्हें पार्टी के काम और उसकी राजनीति की और अच्छी समझ बनी। सम्पत्ति के नाम पर राजमंगल प्रसाद के पास सिर्फ़ चार बीघा ज़मीन है और वह भी पुश्तैनी है।
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