सीपीआई(एम) राज्य सचिव मंडल की वर्चुअल बैठक आज संपन्न

12 मई को माकपा मनाएगी राज्यव्यापी मांग दिवस।
कोरोना से निपटने में सरकार पूरी तरह विफल।
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सीपीआई(एम) बिहार राज्य सचिव मंडल की बैठक आज वर्चुअल माध्यम से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए संपन्न हुई।

बैठक में कोरोना से उत्पन्न हालत पर विस्तार से चर्चा हुई।

बैठक को संबोधित करते हुए राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कोरोना महामारी से राज्य और देश में उत्पन्न स्थिति पर विस्तार से बातों को रखा। उन्होंने कहा पिछले दिनों राज्यपाल महोदय द्वारा आहूत सर्वदलीय बैठक में पार्टी द्वारा जिन मांगों को रखा गया था, सरकार अब तक उस पर अमल नही की। उन्होंने कहा बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर मात्र झूठी खबरें प्रसारित की जा रही है। सभी जगहों से जनअसंतोष और जनआक्रोश की खबरें आ रही है।

आगे उन्होंने कहा पूरे राज्य में अराजकता का माहौल है। लोगों को वैक्सीन नही मिल रही है। अस्पतालों में भर्ती नही लिए जा रहे हैं, बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, दवा, एंबुलेंस भी लोगों को उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।

राज्य सचिव मंडल के साथियों ने बताया कि अब शहरों से लेकर गांव तक संक्रमण फैल चुका है। सरकार की तरफ से समय रहते स्वास्थ व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। बढ़ते संक्रमण के लिए राज्य और केंद्र सरकार जिम्मेवार है। इस संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय की तरफ से सरकार के प्रति गंभीर टिप्पणियां आ चुकी है।
सरकार ने एक तरह से हाथ खड़ा कर दिया है। न्यायालय के दवाब में बिहार में लॉकडाउन लगाए गए हैं, लेकिन सरकार की तरफ से रोज कमाने खाने वालों का चूल्हा कैसे जलेगा, इसका कोई इंतजाम नहीं है, जो लोग बाहर से आ रहे उनका ठीक से टेस्टिंग भी नही हो रहा है। टेस्टिंग सीमित संख्या में हो रहा है और इसके आंकड़े भी छिपाए जा रहे है। यदि बड़े पैमाने पर टेस्टिंग हो तो करोना से संक्रमित मरीजों की संख्या कई गुना हो सकती है।

राज्य सचिव मंडल ने यह भी नोट किया है की कृषि आधारित प्रदेश में किसानों के गेहूं की खरीद कहीं नहीं हो रही है। राज्य सचिव मंडल ने जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने, मदद पहुंचाने और जनता के साथ खड़े रहने का संकल्प लिया है।

राज्य सचिव मंडल ने फैसला किया है की पार्टी लॉक डाउन के नियमों का पालन करते हुए मानव जीवन की रक्षा के लिए विभिन्न उपरोक्त मांगों को लेकर 12 मई को पार्टी मांग दिवस के रूप में मनाएगी। पार्टी नेता, कार्यकर्ता अपने अपने घरों, दरवाजों, पार्टी मुख्यालयों पर खड़े होकर, मांगों की तख्तियां के साथ प्रदर्शन करेंगे।

पार्टी मांग करती है की:

1. पूरे देश में सामूहिक निः शुल्क टिकाकरण तुरंत प्रारंभ किया जाए।

2. आयकर नही देने वाले सभी परिवारों को अविलंब ₹7500 दिया जाय।

3. केंद्रीय गोदामों में पड़े हुए करोड़ों टन अनाज को जरूरतमंदों के बीच वितरित किया जाय।

4. सेंट्रल विस्ता ( नई संसद भवन) का निर्माण पर रोक लगाओ।

5. केंद्र सरकार छः माह से आंदोलन कर रहे किसानों की मांगों को तुरंत स्वीकार करे। राज्य में सभी स्तरों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद की गारंटी करे।

6. राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए पर्याप्त संख्या में बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और दवा की व्यवस्था की जाए।

7.निजी अस्पताल में कोरोना मरीज के इलाज का खर्च राज्य सरकार वहन करे।

8.एंबुलेंस की मनमानी, करोना से निपटने में इस्तेमाल होने वाले दवा, ऑक्सीजन की कालाबाजारी पर रोक लगाई जाए।

9. जांच की संख्या बढ़ाई जाए, आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट 24 घंटों के अंदर जारी हो।

10. स्वास्थकर्मी, सफाईकर्मी, आशा, ममता, आगनवाड़ी सहित सभी कोरोना योद्धाओं के लंबित वेतन/मानदेय की भुगतान अविलंब हो। कोरोना योद्धाओं के लिए प्रोत्साहन राशि और सुरक्षा की गारंटी किया जाय।

11. इस महामारी से निपटने में ढिलाई, गरीबों के साथ जायजती करने वाले अधिकारी पर कारवाई की जाय।

12.स्वास्थ विभाग में रिक्त परे पदों पर तुरंत बहाली हो।

13. केरल मॉडल के तर्ज पर स्वास्थ व्यवस्था दुरुस्त करो और केरल की तरह हीं बिहार में भी बिजली समेत अन्य वसूली पर तत्काल रोक लगाओ।

उपरोक्त मांगों को लेकर माकपा 12 मई को मनाएगी मांग दिवस।

बैठक की अध्यक्षता अरुण कुमार मिश्रा ने किया। बैठक में सर्वोदय शर्मा, ललन चौधरी, रामपरी, अहमद अली, गणेश शंकर सिंह, विनोद कुमार झा, श्याम भारती, प्रभूराज नारायण राव ने भाग लिया।