रोज कमाने खाने वालों के परिवारों तक मुफ्त खाद्यान्न और ₹7500 मासिक कोरोना भत्ता के रूप में दिया जाए। बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने 15 मार्च तक लॉकडाउन लगाने की घोषणा कर गाइडलाइन जारी कर दी है। यह संक्रमण के बढ़ते चेन को तोड़ने के सिलसिला में विशेषज्ञों की राय से उठाया गया कदम हो सकता है। लेकिन राज्य सरकार को लॉकडाउन की घोषणा करने से पहले पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए थी। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को रोकने में बिहार सरकार की विफलता जब सभी स्तर पर उजागर होने लगी तो आनन फानन में लॉकडाउन लगा दिया गया।

सवाल उठता है कि रोज कमाने खाने वालों की चूल्हा कैसे जलेगी ? उनके परिवार का गुजारा कैसे होगा?

पार्टी मांग करती है की :

  • रोज कमाने खाने वालों गरीबों के लिए प्रति माह 35 किलो खाद्यान्न और ₹7500 गुजारा भत्ता मुहैया कराया जाए।
  • कोरोना संक्रमितों के लिए इलाज की व्यवस्था दुरुस्त हो।
  • जांच की रफ्तार बढ़ाई जाए, 24 घंटे के अंदर आरटी पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट जारी हो।
  • ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, आईसीयू, बेडओं की संख्या पर्याप्त संख्या में हो, यह सुनिश्चित किया जाए।
  • नर्स, चिकित्सक सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को तुरंत बहाल कर उन्हें प्रोत्साहन राशि एवं उनकी सुरक्षा की गारंटी करें।
  • दावा, ऑक्सीजन की कालाबाजारी पर रोक लगाया जाए।
  • एंबुलेंस की संख्या में बढ़ोतरी कर हो रही लूट पर रोक लगाया जाए।

अवधेश कुमार
राज्य सचिव