रेल मंत्रालय द्वारा रेल किराया में अप्रत्याशित वृद्धि केन्द्र सरकार के गरीब विरोधी और जनविरोधी चरित्र को उजागर करती है। सरकार कोरोना महामारी के दौर में आर्थिक रूप से लगातार शोषण का शिकार हो रही है। जनता को अनुदान और सहयोग देने के बजाय पहले से ही पेट्रोल, डीजल और गैस में लगातार बढ़ोत्तरी कर गरीब जनता की कमर तोड़ रही थी, अब पैसेंजर टेªनों का किराया तिगुना कर तथा प्लेटफार्म टिकट पाँच गुना बढ़ाकर जनता को असहनीय व्यय-भार वहन करने को बाध्य कर रही है। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्सवादी) मोदी सरकार के इस आलोकतांत्रिक जनविरोधी कार्रवाई की निन्दा करती है और इसे वापस लेने की माँग करती है। अगामी 12-13 मार्च 2021 की पार्टी राज्य कमिटी की बैठक पटना में होगी और इस बैठक में सरकार के इस नकारात्मक कदम को वापस लिये जाने के सवाल को लेकर आंदोलन की विस्तृत रूप-रेखा तैयार की जायेगी।