भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की बिहार राज्य कमिटी ने निम्नलिखित वक्तव्य प्रेस के लिये प्रसारित किया है-

रेलवे अभियार्थियों के आंदोलन, पटना विश्विद्यालय में चल रहे छात्रों के आंदोलन को सीपीआई (एम) का समर्थन।

बी.एड के वार्षिक शुल्क में अप्रत्याशित वृद्धि बिहार में उच्च शिक्षा की दुर्गति, शिक्षकों, आधारभूत संरचनाओं की बेहद कमी, शिक्षा के व्यापारीकरण एवं निजीकरण की शुरुआत के खिलाफ पटना विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्र संगठनों के आंदोलनों का हमारी पार्टी पूर्ण समर्थन करती है।

छात्रों के प्रतिरोध के बाद बी.एड की फीस प्रतिवर्ष 1800 के स्थान पर 1.5 लाख करने के प्रस्ताव को वापस लेने के बाद इसे प्रतिवर्ष 25000 कर दिया गया है, जो 1800 की तुलना में बेहद ज्यादा है और इसे तत्काल वापस लेने की जरूरत है।

छात्रों की आशंका एकदम सही है कि नयी शिक्षा नीति के नाम पर पूरी शिक्षा व्यवस्था की निजीकरण एवं व्यापारीकरण किया जा रहा है, जिससे 80 प्रतिशत गरीब छात्र शिक्षा से वंचित हो जायेंगे।
पार्टी राज्य के तमाम छात्र-छात्राओं, षिक्षकों, सामाजिक संगठनों, वाम जनवादी शक्तियों से अपील करती है कि वे छात्रों द्वारा उठाये गये मांगों के समर्थन में अपनी एकजुटता दिखायें एवं षिक्षा के अधिकार की लड़ाई के लिये आवाज उठायें।

पार्टी एन.टी.पी.सी.-आर.बी.आर. घोटाले के खिलाफ आक्रोशित छात्रों पर आंसू गैस एवं लाठीचार्ज की क्रूरतापूर्ण कार्रवाई का पुरजोर विरोध करती है और छात्रों की मांगों का समर्थन करती है।

अवधेश कुमार
राज्य सचिव