भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की बिहार राज्य कमिटी की बैठक 12-13 मार्च को राज्य पार्टी कार्यालय जमाल रोड पटना में का. रामाश्रय सिंह के अध्यक्षता में सम्पन्न हुई । बैठक में खेतिहर मजदूर नेता विवेक कुमार की बीमारी से हुए निधन पर दुख व्यक्त करते दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई ।
प्रतिवेदन पेश करते हुए राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि मोदी सरकार ने कोरोना जैसे संक्रमित , जानलेवा रोग के काल को एक अवसर के रुप में देखा । कारपोरेट जगत फलता रहा। 13 लाख करोड़ का इजाफा उनके संपत्ति का हुआ । वहीं दूसरी तरफ काम के तलाश में दूसरे राज्यों में गए नौजवानों का भुखमरी बढ़ा , जान से हाथ धोना पड़ा। साढ़े तीन महीने से ज्यादा दिनों से चल रहा किसान आंदोलन जो केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा लाए गए किसान विरोधी तीन काला कानूनों की वापसी तक तथा एम एस पी को कानूनी दर्जा दिए जाने तक चल रहे आंदोलन को दबाने तथा गलत बतलाने का असफल प्रयास किया जा रहा है । इस कानून के लागू होने से किसानों की जमीन छीन ली जाएगी तथा जमाखोरी की पूरी छूट दे दी जाएगी। ऐसी घड़ी में हमें किसानों के साथ खड़ा होना है ।
बिहार के किसानों द्वारा 26 जनवरी ट्रैक्टर मार्च , 30 जनवरी मानव श्रृंखला , 6 फरवरी चक्का जाम , 18 फरवरी रेल जाम जैसे महत्वपूर्ण कारवाई के लिए किसानों को बधाई दिया है ।
आगे संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा प्रस्तावित 26 मार्च को भारत बन्द , 12 अप्रैल को किसानों की जिलों में गिरफ्तारी आंदोलन को सफल बनाना है ।
मंत्री के प्रतिवेदन पर बहस के बाद यह भी निर्णय लिया गया कि हमें किसान पंचायतों को सहयोग करना है । पंचायत चुनाव में ज्यादा भागीदारी देनी है । स्थानीय सवालों पर आंदोलन खड़े किए जाएं ।
बैठक में राज्य सचिव मण्डल सदस्य का. अरुण कुमार मिश्र , सर्वोदय शर्मा, ललन चौधरी, रामपरी, अजय कुमार, गणेश शंकर सिंह , प्रभुराज नारायण राव, अहमद अली सहित तमाम राज्य कमिटी के सदस्यों, जिला सचिवों ने भाग लिया।