महिलाओं के जीवन जीविका और लोकतंत्र की रक्षा एवं महिला हिंसा बलात्कार की बढ़ती घटना के विरूद्ध वामपंथी महिला संगठनों का देश्वायापी प्रदर्शन: महिला संगठनों के राष्ट्रीय आह्वान के तहत पटना समेत पूरे बिहार में बढ़ते महिला हिंसा और बच्चियों के साथ बलात्कार, सामूहिक बलात्कार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। पटना में एडवा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और सीपीआईएम राज्य सचिव मंडल सदस्य कामरेड रामपरी और अन्य महिला संगठनों की नेताओं ने मार्च का नेतृत्व किया। महिला नेताओं ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में सरकार ने जिस राहत पैकेज की घोषणा की वह आम लोगों के लिए नहीं बल्कि पूंजीपतियों के लिए था। आज प्राइवेट जॉब करनेवाली महिलाएं हों या गरीब घरेलू कामगारिनों समेत अन्य मजदूर महिलाएं सबका रोजगार छूट गया है लेकिन सरकार ने इन्हें कोई मुआवजा नहीं दिया। महिला संगठनों ने यह भी मांग की कि स्वयं सहायता समूहों, माइक्रो फायनेंस कम्पनियों से कर्ज लेने वाली महिलाओं का कर्ज माफ किया जाए, उन्हें रोजगार दिया जाए और छोटे कर्जों की वसूली पर 31मार्च 2021 तक रोक लगे। महिला संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि इस महामारी ने सिद्ध किया है कि संकट के समय प्राइवेट अस्पताल जनता की नहीं अपने मुनाफे की चिंता करता है। जबकि स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच हर व्यक्ति का अधिकार होना चाहिए. इसलिए बिहार के हर पंचायत में सरकारी अस्पताल बनाया जाए।