भ्रष्टाचार – नीतीष कुमार ने भ्रष्टाचार को संस्थागत रूप दे दिया है। इस दौर में सृजन घोटाला जैसा चारा घोटाले से भी बड़ा घोटाला हुआ है, लेकिन उस पर राष्ट्रीय एवं स्थानीय संचार माध्यमों में व्यापक चर्चा नहीं हुई। इस घोटाले में भाजपा-जद(यू) सहित बैंक अधिकारियों की मिलीभगत रही है। छुटभैये लोेग जेल भी गये लेकिन बड़ी मछलियों को सरकारी संरक्षण प्राप्त है। निर्माण कार्य में प्राक्कलन घोटाला आम बात है। उसके बाद जल-नल योजना, शौचालय योजना आदि तमाम सरकारी योजनाओं में सरकारी पैसे की लूट है। शासक वर्ग के राजनेता, ठेकेदार, नौकरषाह एवं स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों द्वारा योजनाओं के पैसों की बंदरबांट के बारे में हर बिहारी परिचित है।