भारत सरकार द्वारा पेश  किया गया बजट पूरी तरह कारपोरेटपक्षी एवं जनविरोधी बजट है। महामारी एवं मंदी के दौर में आमलोगों की अपेक्षा थी, कि- सरकार, बेरोजगारी मिटाने, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, कल्याणकारी योजनाओं पर ज्यादा से ज्यादा खर्च कर तथा आमलोगों के हाथों में पैसे देकर माँग पैदा करेगी और आर्थिक विकास को गति देगी, लेकिन सरकार ने कृषि सहित तमाम कल्याणकारी योजनाओं जिसमें आंगनबाड़ी, पोषण कार्यक्रम, मध्याह्न भोजन, महात्मा गांधी रोजगार योजना व्यय में कटौती की है तथा सभी महत्वपूर्ण सार्वजनिक क्षेत्रों को बेचने की ओर कदम बढ़ाया है। सरकार का बजट नव-उदारवादी अर्थव्यवस्था का क्रूरतम रूप है।
बजट में बिहार के लिये कोई विशेष बजटीय प्रावधान नहीं है और न तो बिहार लौटने वाले लाखों कामगारों के कल्याण के लिये कोई राशि उपलब्ध कराई गई है। तथाकथित डबल इंजन की सरकार का पूरा जनविरोधी चेहरा सामने आ गया है और इस बजट से बिहार के लोग अपने को ठगा महषूष करते हैं।
पार्टी इस कारपोरेटपक्षी बजट के खिलाफ प्रतिरोध तेज करने के साथ-साथ सभी आय-कर के दायरे से बाहर के लोगों के हाथों में नगदी हस्तांतरण, मुफ्त भोजन एवं सार्वजनीन रोजगार गारंटी कार्यक्रमों की मांगों के लिये संघर्ष तेज करने का आह्वान करती है।