पटना सहित पूरे राज्य में, दिल्ली में संघर्षरत किसानों के पक्ष में एकजुटता एवं केन्द्र सरकार की दमनात्मक कार्रवाईयों के खिलाफ भारत बन्द के समर्थन में मार्च निकाला गया। पटना स्थित बुद्ध स्मृति पार्क के पास वामपंथी दलों के राज्य स्तरीय नेताओं एवं कार्यकत्र्ताओं के अलावे किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं, रंगकर्मियों, बुद्धिजीवियों ने भी मार्च में बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। बुद्ध स्मृति पार्क से मार्च निकला जो डाकबंगला चैराहा पहुँच कर सभा में तब्दील हो गया।
सभा को संबोधित करते हुए सी.पी.आई.(एम) के राज्य सचिव काॅ॰ अवधेश कुमार ने किसानों के संघर्ष एवं मांगों के प्रति पूरी एकजुटता दिखाते हुए केन्द्र सरकार की दमनात्मक कार्रवाइयों की तीखे शब्दों में निन्दा की। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि यह आंदोलन काले कृषि कानूनों को वापस लिये जाने के बाद ही समाप्त होगा। उन्होंने बिहार सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि बिहार के किसान औने-पौने दामों पर अपना धान बेचने को मजबूर हैं और बिहार के मुख्यमंत्री मोदी का गीत गा रहे हैं।
उन्होंने चेतावनी भरो स्वरों में कहा कि बिहार के किसान संघर्ष को तेज करेंगे और केन्द्र एवं राज्य सरकारों को कारपोरेटपक्षी कानून वापस लेने के लिये मजबूर कर देंगे।
मार्च में पार्टी के राज्य सचिवमंडल सदस्य काॅ॰ अरूण कुमार मिश्र, काॅ॰ रामपरी, , काॅ॰ गणेश शंकर सिंह, प्रभुराज ना॰ राव, पटना जिला सचिव काॅ॰ मनोज कुमार चन्द्रवंषी, राज्य कमिटी सदस्य भोला प्रसाद दिवाकर, शिव कुमार विद्यार्थी, सोनेलाल, कुशवाहा नन्दन, सरिता पाण्डे, बी॰ प्रसाद, दीपक भट्टाचार्या सहित अन्य कार्यकत्र्ता मौजूद थे।
उसी प्रकार बिहार के अन्य जिलों में पार्टी राज्य सचिव मंडल, राज्य कमिटी के सदस्यों, जिला के नेताओं ने मार्च में भाग लिया और प्रदर्शन का नेतृत्व किया।