भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) राज्य कमिटी ने निम्नलिखिल बयान जारी किया है-तीन कृषि काला कानून बिल वापसी, पेट्रोलियम और गैस के उपर टैक्स को घटाकर इसकी कीमत 50 प्रतिशत कम करने, एम.एस.पी. पर सभी फसलों की खरीद की गारंटी करो, बिजली बिल 2020 को वापसी इसके अलावे पुलिस शस्त्र बिल वापसी और बिहार विधान सभा में विपक्षी पार्टियों के विधायकों से पुलिस प्रशासन द्वारा दुर्व्यवहार एवं मारपीट करने के खिलाफ आज 26 मार्च 2021 को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर भारत बंद बिहार में पूरी तरह सफल रहा। बंद में किसान सभा के अलावे, टेªड यूनियन, महिला, छात्र, युवा एवं मजदूर भी शामिल थे। बिहार में सभी वामपंथी दलों एवं राजद का भी जोरदार समर्थन रहा। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) बिहार राज्य कमिटी बिहार बंद की सफलता पर आम जनता को  बधाई दी। बंद को सफल बनाने के लिए आज सी.पी.आई.(एम.) कार्यालय, जमाल रोड से एक जुलूस निकला, जो पहले चिड़ैयाटाड़ पुल घंटो जाम कराते हुए, स्टेषन गोलम्बर होते हुए बुद्धा पार्क से डाकबंगला चैराहा, रेडियो स्टेषन के आगे एस.पी. वर्मा रोड चैराहा से पुनः डाक बंगला चैराहा पर सभा में तब्दील हो गया, जहाँ आयोजित सभा को सभी वामदलों के नेताओं ने सम्बोधित किया।
वक्ताओं ने कहा कि पिछले साल कोरोना महामारी में लाॅकडाउन का फायदा उठाकर मोदी सरकार संसद के अन्दर तानाशाही पूर्ण तरीके से किसान विरोधी तीन काला कानून पारित कराया, जो बिल्कुल गैर जनतांत्रिक तरीका है। इस कानून के दुष्परिणाम स्वरूप खेती कारपोरेट के हवाले चला जायेगा और किसान सड़कों पर आ जायेंगे। बल्कि सरकार द्वारा अनाज का भंडारण नहीं करने से जनवितरण प्रणाली भी खत्म हो जायेगी और गरीबों के भूखमरी में भूखमरी की स्थिति हो जायेगी। पिछले चार महीने से दिल्ली के बार्डर पर किसान लड़ रहे हैं, लेकिन पूंजीपतिपरस्त भाजपा की सरकार उनकी मांग सूनने के बजाय आंदोलनकारी किसानों पर दमनात्मक कार्रवाई कर रही है।
बिहार विधानसभा में नीतीष कुमार की सरकार जिस तरह से जबरन पुलिस सशस्त्र बिल पारित कराया, इससे कानून का राज नहीं पुलिस का राज चलेगा। अपराधियों का मनोबल बढ़ेगा और पुलिस मनमानी करेगी। विधानसभा के अन्दर सी.पी.आई.(एम.) के विधायक सत्येन्द्र यादव तथा राजद के विधायकों को 23 मार्च को सरकार के इषारे पर घसीटते हुए बुरी तरह से पिटा गया और महिला विधायक के साथ बदसलूकी मानवता को तार-तार कर दिया। संसदीय इतिहास में पहली बार शर्मनाक एवं निन्दीय घटना घटी।
प्रदर्शन का नेतृत्व किसान सभा के राज्य सचिव विनोद कुमार, सीटू के राज्य महासचिव गणेष शंकर सिंह, सी.पी.आई.(एम.) राज्य सचिवमंडल सदस्य रामपरी, पटना जिला सचिव मनोज चन्द्रवंषी, एडवा नेत्री सरिता पाण्डेय, संजय चटर्जी, मनोज चैधरी, देवाशीष, खे.म.यू. नेता भोला प्र॰ दिवाकर, देवेन्द्र चैरसिया, सोनेलाल यादव, कुमार निशांत, किशोर , दीपक, मनोहर मंडल इत्यादि नेताओं ने किया।