• -पूरा बिहार अपराधी-पुलिस गठजोड़ की गिरफ्त में।
  • -अपराधी-पुलिस गठजोड़ को राजनीतिक संरक्षण।
  • -मधुबनी के बेनीपट्टी, भागलपुर के बरारी और बगहा की घटना घोर निन्दनीय, शर्मनाक और बर्बर
  • – घटना के जिम्मेवार व्यक्तियों, पुलिस पदाधिकारियों और राजनीतिक नेताओं पर दर्ज हो हत्या का मुकदमा।
  • -पीड़ित परिवारों को मिले 50 लाख रूपये का मुआबजा और परिवार के किसी एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी।
भागलपुर के बरारी थाना के मायागंज गांव में 29 मार्च की रात 10 बजे पुलिस की बर्बरता ने हद पार कर दी। पहले तो ग्रामीणों की पिटाई, गाली-गलौज की गई और कारण पूछने पर पुलिस ने संजय कुमार को गला में गमछा लगाकर घसीटते-पीटते थाना ले गयी और उसके उपर बर्बर जुल्म ढ़ाये गये। आधी रात को संजय की हालत नाजुक देख पुलिस ने अस्पताल में भर्ती करवाया, जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया गया। मृतक संजय कुमार, सिचाई विभाग में लिपिक के पद पर बांका जिला में कार्यरत थे, होली की छुट्टी में अपने गांव आये थे।
आज भागलपुर जिला के महागठबंधन के नेताओं की एक संयुक्त टीम घटनास्थल पर जाकर घटना की विस्तृत जानकारी इकट्ठा की।
महागठबंधन की टीम में सीपीआई(एम) के जिला मंत्री काॅ॰ दषरथ भी शामिल थे। महागठबंधन की टीम ने जिम्मेवार पुलिस पदाधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने, मृतक के परिवार को 50 लाख रूपये का मुआबजा और परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। महागठबंधन की ओर से 3 अप्रैल को बरारी में प्रतिरोध कार्रवाई आयोजित की जायेगी।
उसी प्रकार 29 मार्च को ही मधुबनी जिला के बेनीपट्टी थानान्तर्गत मुहम्मदपुर गांव में अपराधियोें के हमले में तीन लोग मारे गये हैं जिससे गांव में दहशत कायम है।
उधर बगहा में उपमुख्यमंत्री के काफिले की गाड़ी से टून्ना शुक्ला उर्फ सुधांसु शुक्ला गंभीर रूप से घायल हो गये और बाद में उसकी मृत्यु हो गयी।
होली के दिन पूरे राज्य में दर्जनों जगहों पर घोर निन्दनीय, बर्बर और शर्मनाक घटनाएँ घटी है। कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है और लगता है कि आज महाजंगल राज कायम है।
पार्टी अपराधी एवं पुलिस द्वारा की गई घटनाओं की तीव्र निन्दा करती है और जिम्मेवार लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने, पीड़ित परिवारों को 50-50 लाख रूपये का मुआवजा और एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की मांग करती है।