कोरोना की महामारी का ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर प्रसार और स्वास्थ्य सुविधा की बदतर स्थिति को देखते हुए अभी बिहार सरकार को अपना पूरा ध्यान कोरोना से आम ग्रामीण जनता का जीवन बचाने,भूख से पीड़ित लोगों को खाद्य सामग्रियां मुहैय्या करने पर केन्द्रित करना चाहिए। सरकार की आपराधिक गैर-जिम्मेदारी के चलते हजारों लोगों की जानें जा चुकीं हैं।

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी( माक्सवादी) की बिहार राज्य कमिटी पहले से निर्वाचित पंचायत स्तर के जन प्रतिनिधियों की कार्य अवधि को चुनाव होने तक बढ़ाने की मांग करती है।

पार्टी स्थानीय निकायों को नौकरशाहों के हाथों स्थानांतरित करने का विरोध करती है। जन प्रतिनिधि, स्थानीय समस्याओं से ज्यादा परिचित होते हैं और जनता के प्रति ज्यादा जिम्मेदार होते हैं।