केन्द्र सरकार ने सार्वजनिक कम्पनियों एवं सेवाओं का मौद्रीकरण के जरिये निजी दरबारी पूँजीपतियों के हाथों सौंपने की घोषणा कर दी है।

वामपंथी दलों के अलावे बिहार में राजद ने भी निजीकरण के विरोध में अपनी आवाज उठाई है। बिहार जैसे राज्य में बैंक, बीमा जैसी कम्पनियों के निजीकरण के साथ-साथ रेलवे स्टेषनों, गाड़ियों, हवाईअड्डों तथा राष्ट्रीय उच्च पथों के निजीकरण का भयानक असर आम लोगों के जीवन पर पड़ेगा।

केन्द्र की विनाशकारी कदम को रोकना आज हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। किसान खेती के कारपोरेटीकरण के खिलाफ पिछले 9 महीनों से संघर्षरत है। केन्द्र सरकार 6 लाख करोड़ के बदले पूरे देष को बेचने पर अमादा है, जिससे देश की आनेवाली पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय हो जायगा।

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्सवादी) की बिहार राज्य कमिटी आम जनता, वामपंथी एवं जनतांत्रिक शक्तियों से अपील करती है कि वे देश को बचाने के लिये आगे आएं।