भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( मार्क्सवादी ) की बिहार राज्य कमिटी ने निम्नलिखित वक्तव्य प्रेस के लिये प्रसारित किया है-

गिरफ्तार इंजीनियर के वक्तव्य के आधार बनाकर, भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जाँच हो।

भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों पर अपराधिक मुकदमें दर्ज हो और जनता का पैसा लूटने के लिये कड़ी से कड़ी सजा हो।

ग्रामीण कार्य विभाग के गिरफ्तार अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार से पुलिस द्वारा पूछे गये सवालों का जवाब देने के बदले यह कहना कि हमारी जुबान खुलने से पटना तक विस्फोट होगा, बिहार में सत्ताधारी नेताओं, भ्रष्ट अफसरों एवं ठेकेदारों के गठजोड़ को उजागर करता है।
पंचायत के स्तर पर विभिन्न विकास कार्यों के लिये आवंटित राषि का जिस तरह बंदरबांट होता है, वह मनरेगा से जुड़े कार्यों जल जीवन, हरियाली, नल-जल योजना से जुड़ी योजनाओं की बदहाली को जमीनी स्तर पर देखा जा सकता है। जाहिर है इस लूट का हिस्सा मंत्री से लेकर नौकरषाहों एवं ठेकेदारों के बीच बंटता है। भ्रष्ट अभियंता इस पूरे गठजोड़ का एक छोटा पुर्जा है। असली अपराधी ऊँचे पदों पर आसीन हैं और उनके लिये छोटे भ्रष्ट अफसरों को बलि का बकरा बनाना आसान है, लेकिन बिहार की जनता असली अपराधियों के चेहरों को देखना चाहती है जो बिहार के करोड़ों गरीबों, शोषितों की जिन्दगी से खेल रहे हैं और अपनी तिजोरियाँ भर रहे हैं।

पार्टी मांग करती है कि गिरफ्तार अधीक्षण अभियंता के बातों के आधार पर इस पूरी घटना की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जाँच हो और अपराधियों की सभी सम्पत्ति जब्त कर उन्हें जेल के सीखचों में बंद किया जाय।

पार्टी अपनी तमाम इकाइयों से अपील करती है कि पंचायत स्तरों पर व्याप्त भ्रष्टाचार एवं सार्वजनिक धन की लूट के खिलाफ संघर्ष तेज करें।

(अवधेश कुमार)
राज्य सचिव
सीपीआई(एम) बिहार