वामपंथी दलों सी.पी.आई.(एम), सी.पी.आई., सी.पी.आई.(माले) के आह्वान पर पटना सहित पूरे राज्य में, केंद्र सरकार की किसान विरोधी काले कानून को वापस लेने, किसानों पर दमन बंद करने, कॉरपोरेट नीतियों को समाप्त करने की मांग और किसान आंदोलन के समर्थन में एकजुटता प्रदर्शन/ मार्च का आयोजन किया गया।
पटना स्थित बुद्ध स्मृति पार्क के पास वामपंथी दलों के राज्य स्तरीय नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के अलावे रंगकर्मियों, बुद्धिजीवियों ने भी मार्च में बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। बुद्ध स्मृति पार्क के सामने चार

सदस्यीय अध्यक्ष मंडली ने सभा का संचालन किया। अध्यक्ष मंडली में सी.पी.आई.(एम) के अरूण कुमार मिश्र, सी.पी.आई. के जानकी पासवान, माले के राजा राम एवं राजद के आलोक मेहता शामिल थे।
सभा को संबोधित करते हुए सी.पी.आई.(एम) के राज्य सचिव काॅ॰ अवधेश कुमार ने किसानों के संघर्ष एवं मांगों के प्रति पूरी एकजुटता दिखाते हुए केन्द्र सरकार की दमनात्मक कार्रवाइयों की तीखे शब्दों में निन्दा की। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि यह आंदोलन काले कृषि कानूनों को वापस लिये जाने के बाद ही समाप्त होगा।

उन्होंने बिहार सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि बिहार के किसान औने-पौने दामों पर अपना धान बेचने को मजबूर हैं और बिहार के मुख्यमंत्री मोदी का गीत गा रहे हैं।
उन्होंने चेतावनी भरो स्वरों में कहा कि बिहार के किसान पूरे बिहार को जाम कर देंगे और केन्द्र एवं राज्य सरकारों को कारपोरेटपक्षी कानून वापस करने के लिये मजबूर कर देंगे।
सभा को सी.पी.आई.(एम.एल.) के महासचिव काॅ॰ दीपांकर भट्टाचार्य, सी.पी.आई. राष्ट्रीय परिषद् के सदस्य काॅ॰ कन्हैया कुमार, राजद के राज्य महासचिव आलोक मेहता, सी.पी.आई. के गजनफर नवाब, सी.पी.आई.(एम) के अरूण कुमार मिश्र, सी.पी.आई.(माले) के राजा राम,

सी.पी.आई. के जानकी पासवान ने संबोधित किया।
जुलूश  की शक्ल में सभा के बाद सभी उपस्थित जन समूह नारे लगाते हुए डाकबंगला चैराहा पहुँचे, जहाँ देश  के प्रधानमंत्री मोदी का पुतला जलाया गया।
मार्च में पार्टी के राज्य सचिवमंडल सदस्य सर्वोदय शर्मा, गणेश शंकर सिंह, रामपरी, पटना जिला सचिव मनोज कुमार चन्द्रवंषी, राज्य कमिटी सदस्य भोला प्रसाद दिवाकर, देवेन्द्र चैरसिया, विष्वनाथ सिंह, रास बिहारी सिंह, सरिता पाण्डे, दीपक वर्मा, निषांत सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।