केन्द्र सरकार की किसान विरोधी तीनों कृषि कानून को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य(एम॰एस॰पी॰) को कानून का दर्जा देने की मांग को लेकर महागठबंधन के आह्वान पर आयोजित मानव श्रृंखला सफल रहा। पटना समेत राज्य के सभी जिलों में सुदुर गाँवों तक मानव श्रृंखला में लाखों की संख्या में किसान, मजदूर, छात्र, युवा, महिला एवं कर्मचारी की भागीदारी हुई।
माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार, राज्य सचिवमंडल सदस्य गणेश शंकर सिंह, पटना जिला सचिव मनोज कुमार चन्द्रवंशी, विश्वनाथ सिंह, मंजुल दास, बी॰ प्रसाद, जे॰पी॰ दीक्षित, कुशवाहा नन्दन, देवाशीष, दीपक भट्टाचार्या, शंकर साह, महिला नेत्री सरिता पाण्डेय, एवं छात्र नेता कुमार निषांत, प्रवीण कुमार समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं की भागीदारी हुई।
राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि भाजपा और संघ परिवार किसान आंदोलन को बदनाम करने के उद्देश्य से अनर्गल प्रचार अभियान चला रही है। केन्द्र सरकार की तानाशाही प्रवृत्ति उजागर हुई। केन्द्र सरकार को तुरंत किसान विरोधी कानून वापस लेने की घोषणा कर एम॰एस॰पी॰ को कानून का दर्जा देना चाहिये। उन्होंने केन्द्र और राज्य सरकार की जनविरोधी नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि अब चल रहा किसान आंदोलन जन आंदोलन में तब्दील हो गया है। किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा।
सीपीआईएम बिहार राज्य कमिटी ने मानव श्रृंखला की सफलता के लिए गठबंधन के कार्यकर्ताओं और आम जनता को बधाई दी।
पटना में बुद्धा स्मृति पार्क के पास महागठबंधन के सभी वरिष्ठ नेता शामिल हुए। विपक्ष के  नेता तेजस्वी यादव, राजद बिहार के अध्यक्ष श्री जगदानन्द सिंह, माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, राज्य सचिव कुणाल, सीपीआई के नेता रामबाबु कुमार शामिल हुए।
मनोज कुमार चंद्रवंशी।