भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मा0) की बिहार राज्य कमिटी ने निम्नलिखित वक्तव्य प्रेस के लिये प्रसारित किया हैं।

किसान आन्दोलन के

देशव्यापी स्वरूप ग्रहण करने से भाजपा के नेता बौखला गये हैं और आन्दोलनकारी संगठनों के खिलाफ गैरजिम्मेदाराना वक्तव्य दे रहे हैं।

बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुषील कुमार मोदी ने जे एन यू के छात्रों, किसान-सभा, सीटू के खिलाफ जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया हैं, वह अत्यन्त निंदनीय है।

भाजपा आर एस एस से जुड़े लोग साम्राज्यवाद विरोधी आन्दोलन के समय अंगे्रजों की दलाली कर रहे थे आज वे राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय कारपोरेट कम्पनियों की दलाली कर रहे है।

लेकिन देश  के किसानों ने केन्द्र की भजपा सरकार की कारपोरेट पक्षी नीतियों को अच्छी तरह समझ लिया है और वे कोरोना काल में आनन-फानन में संसद के जरिये पारित किसान विरोधी तीनों कानूनों की वापसी तक अपना संघर्ष चलाने के लिये कृत संकल्प है।

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मा0) की तमाम इकाइयां एवं किसानों, खेतिहर मजदूरों छात्रों ,नौजवानों, सामाजिक, सांस्कृतिक संगठनों के तमाम लोग दिल्ली में संघर्षरत किसानों के पक्ष में, मैदान में उतर पड़े है। भाजपा की गीदड़ भभकी हमें डरा नहीं सकती है और बिहार के किसान एवं मेंहनतकश लोग जरूरत पड़ी तो बिहार का चक्का जाम करेंगे।