कोरोना, यास तुफान और अब बाढ़ बरसात की आपदा। लेकिन सरकार ‌की आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा आपदा राहत पहुंचाने में निष्क्रियता उजागर हुआ है।

आपदाओं से निपटने में सरकार पूरी तरह विफल।
आपदाओं से तबाही और महंगाई की वजह से रोज कमाने खाने वालों के सामने भूखमरी के साथ साथ अब निम्न मध्य वर्ग एवं मध्य वर्ग के पारिवारिक बजट भी चरमरा गई है।

लोगों को रोजी-रोटी की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी कल्याणकारी सरकार ‌की होती है।

कृषि घाटे का और कृषि मजदूरों, ग्रामीण एवं शहरी मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है, वे कैसे जिन्दा रहेंगे? इसपर सरकार कुछ नही बोल रही।

बिषम आपदा की घड़ी में सीपीआई(एम) सरकार से मांग करती है की:
– किसानों एवं मजदूरों के सभी तरह के कर्ज माफ करें।
– अगामी 6महीने तक प्रति व्यक्ति 10 किलो खाद्यान्न और प्रति परिवार 7500/-रु गुजारा भत्ता दिया जाए।
-पेट्रोल डीजल समेत बढ़ते महंगाई पर रोक लगाई जाए।

अवधेश कुमार
राज्य सचिव
सीपीआई(एम)